एंटीबायोटिक प्रतिरोध / Antibiotic Resistance in Hindi

एंटीबायोटिक वो दवाएं होती हैं जो जीवाणु संक्रमणसे बचाती हैं। उचित तरीके से प्रयोग करने पर ये जीवन बचा सकती हैं। लेकिन एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस/प्रतिजैविक प्रतिरोध की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह तब होता है जब जीवाणु परिवर्तित होकर एंटीबायोटिक के प्रभावों का प्रतिरोध करने में समर्थ हो जाते हैं।

एंटीबायोटिक के प्रयोग से प्रतिरोध उत्पन्न हो सकता है। जब कभी भी आप एंटीबायोटिक लेते हैं तो संवेदनशील जीवाणु मर जाते हैं। लेकिन प्रतिरोधी जीवाणु विकसित होने के लिए और बढ़ने के लिए बच सकते हैं। उनकी वजह से ऐसे संक्रमण हो सकते हैं जिन्हें कुछ एंटीबायोटिक ठीक नहीं कर पाते हैं। इसका एक उदाहरण है मेथिसिलिन-रेसिस्टेंट स्टैफिलोकॉकस ऑरियस (एमआरएसए)। इसकी वजह से, ऐसे संक्रमण होते हैं जो कई सामान्य एंटीबायोटिक के लिए प्रतिरोधी होते हैं।

एंटीबायोटिक प्रतिरोध से बचने में सहायता करने के लिए

  • सर्दी और फ्लू जैसे विषाणुओं के लिए एंटीबायोटिक का प्रयोग ना करें। एंटीबायोटिक विषाणुओं पर काम नहीं करता है।
  • एंटीबायोटिक के लिए अपने चिकित्सक पर दबाव ना डालें।
  • जब आप एंटीबायोटिक लेते हैं तो निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। यदि आप अच्छा महसूस करने लगे हैं तो भी अपनी दवा खत्म करें। यदि आप उपचार बहुत जल्दी समाप्त कर देते हैं तो कुछ जीवाणु बचकर आपको दोबारा संक्रमित कर सकते हैं।
  • बाद के लिए एंटीबायोटिक बचाकर ना रखें या किसी अन्य व्यक्ति के दवा निर्देश का प्रयोग ना करें।

बीमारी नियंत्रण और रोकथाम केंद्र

अंतिम अद्यतन तिथि

यह पृष्ठ पिछले 9/26/2020 पर अद्यतन किया गया था।
यह पृष्ठ एंटीबायोटिक प्रतिरोध के लिए जानकारी प्रदान करता है।
एंटीबायोटिक्स
जीवाण्विक संक्रमण

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