आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणालीआपको बीमारी और संक्रमण से बचाती है। लेकिन यदि आपको स्वप्रतिरक्षित रोग/ऑटोइम्यून डिजीज है तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आपकी स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। स्वप्रतिरक्षित रोग शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है।
किसी को स्वप्रतिरक्षित रोगों का सही कारण नहीं पता है। ये खानदानी हो सकते हैं। विशेष रूप से अफ्रीकी-अमेरिकी, हिस्पैनिक-अमेरिकी, और मूल-अमेरिकी महिलाओं को कुछ स्वप्रतिरक्षित रोग होने का बहुत ज्यादा जोखिम होता है।
स्वप्रतिरक्षित रोगों के 80 से ज्यादा प्रकार हैं, और इनमे से कुछ के लक्षण समान होते हैं। जिसकी वजह से आपके चिकित्सक के लिए यह जानना कठिन हो जाता है कि आपको यह रोग है या नहीं, और यदि है तो कौन सा रोग है। इसका निदान करवाना कष्टदायक और तनावपूर्ण होता है। अक्सर, शुरूआती लक्षण थकान, मांसपेशी में दर्द और हल्का बुखार होते हैं। स्वप्रतिरक्षित रोग का सबसे मुख्य लक्षण प्रदाह है, जिसकी वजह से लाली, जलन, दर्द और सूजन हो सकता है।
ज्यादा गंभीर रोग होने पर बीमारियां अचानक बढ़ सकती हैं, और जब लक्षण थोड़े बेहतर या गायब होने लगते हैं तो तेजी से कम हो सकती हैं। उपचार बीमारी पर निर्भर करता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में एक महत्वपूर्ण लक्ष्य होता है प्रदाह कम करना। कभी-कभी चिकित्सक कॉर्टिकोस्टेरॉइडया अन्य दवाएं निर्देशित करते हैं जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कम करते हैं।