जैव आतंकवाद आक्रमण में बीमारी उत्पन्न करने के लिए या लोगों को मारने के लिए जानबूझकर विषाणुओं, जीवाणुओं, या अन्य कीटाणुओं का प्रसार किया जाता है। ये कीटाणु सामान्य तौर पर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं। लेकिन कभी-कभी बीमारी, प्रसार, या चिकित्सा उपचार के प्रतिरोध के लिए इनकी क्षमता बढ़ाकर इन्हें ज्यादा नुकसानदायक बनाया जा सकता हैं।
जैविक तत्व वायु, जल और खाद्य पदार्थों के माध्यम से फैलते हैं। कुछ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकते हैं। इनका पता लगाना बहुत कठिन होता है। ये कुछ घंटों या दिनों के लिए बीमारी उत्पन्न नहीं करते हैं। वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंतित हैं किएंथ्रेक्स,बोटुलिज़्म,इबोलाऔर अन्य रक्तस्रावी बुखारके विषाणुओं,क्षय, या चेचकको जैविक हथियारों के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
जैव संरक्षण लोगों को जैव आतंकवाद से बचाने के लिए चिकित्सीय उपायों का प्रयोग करता है। इसमें दवाएं और टीका शामिल हैं। यह जैव आतंकवादी हमलों से बचने के लिए चिकित्सीय शोध और तैयारियां भी शामिल करता है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र