गर्भधारण करने की कोशिश / Trying to conceive in Hindi

कैसे पता लगाएं कि आप कब प्रजननक्षम हैं और कब नहीं? क्या आप यह सोच रहें है कि आप या आपके साथी बांझ हैं? गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने और प्रजनन समस्याओं के लिए सहायता प्राप्त करने के लिए आगे पढ़ें।

प्रजनन शक्ति संबंधी जागरूकता: मासिक धर्म चक्र

अपने मासिक धर्म चक्र और इस समय के दौरान आपके शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में जागरूक रहना आपको यह जानने में मदद कर सकता है कि आपके गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना कब होती है। देखें कि मासिक धर्म चक्र कैसे काम करता है।

आमतौर पर मासिक धर्म चक्र 28 दिनों तक रहता है। लेकिन सामान्य चक्र 21 से 35 दिनों तक रह सकता है। बच्चेदानी से अन्डों का निकलना अंडोत्सर्ग (Ovulation) कहलाता है। अण्डोत्सर्ग होने से पहले के समय की मात्रा हर महिला में अलग होती है और यहां तक कि एक ही महिला में महीने दर महीने बदल सकती है, जो 13 से 20 दिनों तक भिन्न होती है। चक्र के इस हिस्से के बारे में जानना महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दौरान ही अण्डोत्सर्ग और गर्भावस्था हो सकती है। अण्डोत्सर्ग के बाद हर महिला को (जब तक कि उसे कोई स्वास्थ्य समस्या न हो जो उसके मासिक धर्म को प्रभावित करे या वह गर्भवती न हो) 14 से 16 दिनों के भीतर मासिक धर्म होगा।

अपनी प्रजनन शक्ति के प्रतिरूप का रिकॉर्ड तैयार करना

आप कब सबसे ज़्यादा प्रजननक्षम होते हैं यह पता होना आपको गर्भावस्था की योजना बनाने में मदद करता है। नीचे दिए गए तीन तरीकों से आप अपने प्रजननक्षम समय की जानकारी रख सकते हैं:

बुनियादी शारीरिक तापमान विधि (Basal body temperature method)

बुनियादी शारीरिक तापमान विधि (Basal body temperature method)आमतौर पर जैसे ही आप सुबह जागते हैं, तो आपके शरीर का तापमान सबसे कम होता है, जिसे बुनियादी शारीरिक तापमान कहते हैं। अण्डोत्सर्ग के साथ एक महिला का बुनियादी शारीरिक तापमान थोड़ा-थोड़ा बढ़ता है। इस प्रकार, कई महीनों तक रोजाना इस तापमान को रिकॉर्ड करके आप उन दिनों का पता लगा सकते हैं जब आप सबसे ज़्यादा प्रजननक्षम हों।

बुनियादी शारीरिक तापमान एक महिला से दूसरी महिला में थोड़ा अलग होता है। आमतौर पर अण्डोत्सर्ग से पहले 96⁰F से 98⁰F का मौखिक तापमान सामान्य है। अण्डोत्सर्ग के बाद ज़्यादातर महिलाओं में मौखिक तापमान 97⁰F और 99⁰F के बीच होता है। यह तापमान अचानक से या कुछ दिनों में धीरे-धीरे बढ़ता है।

आमतौर पर एक महिला का बुनियादी शारीरिक तापमान केवल 0.4⁰F से 0.8 ⁰F तक बढ़ता है। इस छोटे बदलाव का पता लगाने के लिए, महिलाओं को बुनियादी शारीरिक थर्मामीटर का उपयोग करना चाहिए। यह थर्मामीटर बहुत संवेदनशील होते हैं।

तापमान में वृद्धि यह नहीं दर्शाती की अंडा कब निकलता है। लेकिन लगभग सभी महिलाओं में इस तापमान की वृद्धि के तीन दिनों के अंदर अंदर अंडे निकल जाते हैं। आपके मासिक धर्म के शुरू होने तक आपका शारीरिक तापमान ऊँचे स्तर पर रहता है।

नीचे दिए गए समय में आप सबसे ज़्यादा प्रजननक्षम और आपके गर्भवती होने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है:

  • आपके तापमान के सबसे ऊँचे स्तर तक पहुँचने (अण्डोत्सर्ग) से दो या तीन दिन पहले

तथा

  • अण्डोत्सर्ग के के बाद 12 से 24 घंटों तक

एक आदमी का शुक्राणु किसी महिला के शरीर में तीन दिनों तक जीवित रह सकता है। इस समय के दौरान शुक्राणु किसी भी समय गर्भाधान कर सकता है। तो अगर आप अपने अण्डोत्सर्ग से कुछ दिन पहले बिना किसी गर्भनिरोधक का उपयोग किए यौन संबंध बनाती हैं, तो आप गर्भवती हो सकती हैं।

बुनियादी शारीरिक तापमान को कई चीजें प्रभावित कर सकती हैं। अपने चार्ट के रिकॉर्ड को सही रखने के लिए, हर सुबह एक ही समय में अपना तापमान नोट करें। कुछ चीजें जो आपके तापमान को बदल सकती हैं उनमें यह शामिल हैं:

  • एक रात पहले शराब का सेवन करना
  • एक रात पहले धूम्रपान करना
  • रात की नींद अच्छे से पूरी न होना
  • बुखार होना
  • अपना तापमान जाँचने से पहले सुबह कोई भी अन्य कार्य करना - जैसे बाथरूम जाना या फोन पर बात करना

कैलेंडर विधि

कैलेंडर विधि में अपने मासिक धर्म चक्र को कैलेंडर पर आठ से 12 महीने तक रिकॉर्ड करना शामिल होता है। कैलेंडर पर अपने मासिक धर्म के पहले दिन को चिह्नित करें। आपके मासिक धर्म चक्र की लंबाई महीने दर महीने भिन्न हो सकती है। इसलिए हर बार वह संख्या नोट करें जितने दिन आपका मासिक धर्म चलता है। इस रिकॉर्ड का उपयोग करके, आप उन दिनों का पता लगा सकते हैं जिन दिनों में आप सबसे अधिक प्रजननक्षम होते हैं:

  • अपने प्रजननक्षम होने के पहले दिन के बारे में पता करने के लिए, अपने सबसे छोटे मासिक धर्म चक्र के कुल दिनों में से 18 को घटाएं। शेष बची संख्या को लें, और अपने अगले मासिक धर्म के पहले दिन से उतने ही दिन गिनें जितनी ये संख्या है। फिर इस दिन को अपने कैलेंडर पर 'X' के निशान के साथ काट दें। यह 'X' आपके प्रजननक्षम होने के पहले दिन को दर्शाता है।
  • अपने प्रजननक्षम होने के आखिरी दिन के बारे में पता करने के लिए, अपने सबसे लंबे मासिक धर्म चक्र के कुल दिनों में से 11 को घटाएं। शेष बची संख्या को लें, और अपने अगले मासिक धर्म के पहले दिन से उतने ही दिन गिनें जितनी ये संख्या है। फिर इस दिन को अपने कैलेंडर पर 'X' के निशान के साथ काट दें। दोनों चिन्हित 'X' के बीच का समय आपके सबसे ज़्यादा प्रजननक्षम होने के दिनों को दर्शाता है।

यह विधि हमेशा अन्य प्रजनन शक्ति संबंधी जागरूकता की विधियों के साथ प्रयोग की जानी चाहिए, खासकर यदि आपके मासिक धर्म चक्र हमेशा एक ही लंबाई के नहीं होते।

गर्भाशय ग्रीवा श्लेष्म विधि

गर्भाशय ग्रीवा श्लेष्म विधि(Cervical mucus method) – इसे अण्डोत्सर्ग विधि भी कहा जाता है। इसमें पूरे महीने में हुए आपके ग्रीवा श्लेष्म में परिवर्तनों का पता होना शामिल होता है। मासिक धर्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन अण्डोत्सर्ग के पहले और उसके दौरान होने वाले आपके श्लेष्म की मात्रा और प्रकार को भी बदलते हैं। आपके मासिक धर्म के ठीक बाद, आमतौर पर कुछ ऐसे दिन होते हैं जब कोई भी श्लेष्म मौजूद नहीं होता, जिन्हें "शुष्क दिन" कहते हैं। जैसे ही अंडा तैयार होने लगता है, वैसे वैसे योनि में श्लेष्म बढ़ जाता है, जो योनि के बाहरी हिस्से में दिखाई देता है, और यह सफेद या पीला और चिपचिपा होता है। अण्डोत्सर्ग से ठीक पहले श्लेष्म की सबसे ज़्यादा मात्रा दिखाई देती है। इन्हें "नम दिन" कहते हैं। इन "नम दिनों" के दौरान यह कच्चे अंडे के सफेद भाग की तरह पारदर्शी और चिकना हो जाता है। कभी-कभी इसे खींच कर लम्बा भी किया जा सकता है। यह तब होता है जब आप सबसे ज़्यादा प्रजननक्षम होते हैं। नम दिनों के लगभग चार दिन के बाद श्लेष्म में फिर से बदलाव शुरू हो जाते हैं। उसके बाद यह बहुत कम, चिपचिपा और धूमिल हो जाता है। आपके अगले मासिक धर्म के आने से पहले आपके कुछ और शुष्क दिन हो सकते हैं। अपने श्लेष्म में हुए परिवर्तन को एक कैलेंडर पर नोट करें। दिनों को नामपत्र करें, “चिपचिपा”, “सूखा” या “गीला”। आप अपने मासिक धर्म के बाद गीलेपन के पहले संकेत या गीलापन शुरू होने से एक या दो दिन पहले सबसे ज्यादा प्रजननक्षम होते हैं।

कुछ महिलाओं के लिए गर्भाशय ग्रीवा श्लेष्म विधि कम विश्वसनीय हो सकती है। स्तनपान करने वाली, हार्मोनल गर्भनिरोधक लेने वाली (जैसे कि गर्भनिरोधक गोली), महिलाओं के स्वच्छता उत्पादों का उपयोग करने वाली, योनिशोथ से संक्रमित या यौन संचारित रोग (STI) वाली, या बच्चेदानी के ऑपरेशन से गुज़री हुई महिलाओं को इस विधि पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

अपनी प्रजनन शक्ति की सबसे सही जानकारी रखने के लिए, सभी तीन विधियों के संयोजन का उपयोग करें। गर्भधारण करने के लिए सबसे अच्छे समय का पता करने के लिए आप ओव्यूलेशन किट या प्रजनन-शक्ति मॉनीटर ( fertility monitor) भी खरीद सकते हैं। यह किट एक विशेष हॉर्मोन में हुई गतिविधि का पता लगाकर काम करती हैं, जिसे ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन (luteinizing hormone) कहा जाता है, जो अण्डोत्सर्ग की परिक्रिया को सक्रिय करता है।

बांझपन

कई महिलाएं बच्चा चाहती हैं लेकिन या तो वह गर्भधारण नहीं कर पातीं या उनका गर्भपात होता रहता है। इसे बांझपन कहा जाता है। कई जोड़ों को बांझपन की समस्या होती है।

बांझपन के कारण

महिलाओं में बांझपन के कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं:

उम्र – महिलाओं में आमतौर पर 30 की उम्र के बाद के शुरुआती सालों में प्रजनन क्षमता में कमी होने लगती है। जबकि कुछ महिलाओं को 30 और 40 की उम्र में भी गर्भवती होने में कोई समस्या नहीं होती, लेकिन प्रजनन क्षमता 35 वर्ष की उम्र के बाद कम होने लगती है। जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, उसके अंडाशय और अंडों में होने वाले सामान्य परिवर्तन उसके गर्भवती होने में कठिनाई पैदा करते हैं। भले ही 30 और 40 की उम्र में महिलाओं का मासिक धर्म चक्र नियमित रूप से जारी रहता है, लेकिन हर महीने अंडोत्सर्ग होने वाले अंडे उतने सक्षम नहीं होते जितने उनमें 20 की उम्र में होते हैं। इसलिए महिला का इन अंडों के साथ गर्भवती हो पाना बहुत मुश्किल होता है। जैसे जैसे महिला मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद हो जाने के करीब आती है जिसे रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज़ (Menopause) कहते हैं, तो अंडाशय हर महीने अंडा निकाल नहीं पाता, जिसके कारण भी गर्भधारण करने में मुश्किल होती है। तथा, जैसे-जैसे महिला और उसके अंडे की उम्र बढ़ती है, तो उसके गर्भपात होने और बच्चे का आनुवंशिक स्वास्थ्य समस्याओं (जैसे कि डाउन सिंड्रोम (Down syndrome) के साथ पैदा होने की संभावना भी ज़्यादा हो जाती है।

स्वास्थ्य समस्याएं – कुछ महिलाओं में उनके हार्मोन के स्तर को प्रभावित करने वाली बीमारियां या समस्याएं होती हैं, जिसके कारण बांझपन होता है।जैसे कि:

  • पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (polycystic ovary syndrome or PCOS) वाली महिलाओं में अंडोत्सर्ग कभी कभी या बिलकुल भी नहीं होता। अंडोत्सर्ग करने में विफलता महिलाओं में बांझपन का सबसे आम कारण है।
  • प्राथमिक अंडाशय संबंधी अपर्याप्तता (primary ovarian insufficiency or POI) के साथ, एक महिला का अंडाशय 40 साल की उम्र से पहले ही सामान्य रूप से काम करना बंद कर देता है। यह समय से पहले हुए रजोनिवृत्ति (Menopause) के समान नहीं होता है। इन महिलाओं को सिर्फ कभी कभी मासिक धर्म होता है। लेकिन ऐसी महिलाओं के लिए गर्भवती होना काफी मुश्किल हो जाता है।
  • स्वास्थ्य समस्या जिसे ल्यूटल चरण दोष (luteal phase defect) कहा जाता है जिसमें बच्चेदानी की परत गर्भावस्था के लिए पुरे रूप से तैयार नहीं हो पाती। इसके कारण एक निषेचित अंडा उसमें प्रवेश नहीं कर पाता या गर्भपात हो जाता है।

एक महिला के प्रजनन अंगों की सामान्य समस्याएं, जैसे गर्भाशय में रसौली, अन्तर्गर्भाशय-अस्थानता (endometriosis), और श्रोणि जलन बीमारी (pelvic inflammatory disease or PID) उम्र के साथ बदतर हो जाती हैं और प्रजनन शक्ति को भी प्रभावित कर सकती हैं। इन समस्याओं के कारण गर्भनली भी बंद हो सकती है जिसके कारण अंडा बच्चेदानी तक नहीं पहुंच पाता।

रहन-सहन – एक महिला के रहने का ढंग भी उसकी प्रजनन शक्ति पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। जैसे की धूम्रपान करना, शराब पीना, बहुत अधिक या बहुत कम वजन होना, भारी कसरत करना, और सही तरीके से भोजन न करना। तनाव भी प्रजनन शक्ति को प्रभावित कर सकता है।

इसके विपरीत, कुछ पुरुष 60 से 70 साल की उम्र तक प्रजननक्षम रहते हैं। लेकिन जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, उन्हें अपने शुक्राणु के आकार और उनकी गति में समस्याएं होने लगती हैं। उनमें शुक्राणु जीन दोष (sperm gene defect) की संभावना भी थोड़ी ज़्यादा होती है। या फिर उनमें शुक्राणु का बहुत कम या बिलकुल भी उत्पादन नहीं होता। एक व्यक्ति के रहने का ढंग भी उसके शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। शराब और नशीली दवाएं शुक्राणु की गुणवत्ता को अस्थायी रूप से कम कर सकती हैं। शोधकर्ता इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहें है कि क्या पर्यावरण में ज़हरीले पदार्थ जैसे की कीटनाशकों और लेड (Lead) भी बांझपन के लिए ज़िम्मेदार हैं। पुरुषों में भी यौन और प्रजनन कार्यों को प्रभावित करने वाली स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इनमें यौन संचारित रोग (STI), मधुमेह, पौरुष ग्रंथि की सर्जरी, या अंडकोष की गंभीर चोट या समस्या शामिल होती हैं।

अपने डॉक्टर से कब मिलें

आपको अपने डॉक्टर से अपनी प्रजनन शक्ति के बारे में बात करनी चाहिए यदि:

  • आप 35 वर्ष से कम उम्र की हैं और एक साल तक गर्भ निरोधक के बिना लगातार यौन-क्रिया के बाद भी गर्भ धारण करने में सक्षम नहीं हुई।
  • आप 35 वर्ष या उससे अधिक उम्र की हैं और तक गर्भ निरोधक के बिना लगातार यौन-क्रिया के बाद भी गर्भ धारण करने में सक्षम नहीं हुई।
  • आपको लगे की आपको या आपके साथ को भविष्य में प्रजनन शक्ति से संबंधित समस्या हो सकती है। (यहाँ तक की जब आपने गर्भवती होने की कोशिश शुरू भी न की हो)।
  • आपको या आपके साथी को यौन कार्य या कामलिप्सा (libido) की समस्या है।

सौभाग्य से, कई डॉक्टर बांझ जोड़ों को बच्चे पैदा करने के लिए मदद करने में सक्षम हैं।

बांझ जोड़ों के लिए विकल्प

यदि आपको प्रजनन संबंधी समस्याएं हैं, तो आपका डॉक्टर आपको एक प्रजनन विशेषज्ञ के पास भेज सकता है, जो बांझपन का इलाज करता है। समस्या को समझने के लिए डॉक्टर को आपका और आपके साथी दोनों का परीक्षण करने की आवश्यकता होगी। समस्या के आधार पर, डॉक्टर आपको उससे उपचार की सलाह दे सकता है। बांझपन के ज्यादातर मामले का दवाओं या सर्जरी के साथ इलाज किया जाता है। बांझपन के संबंध में अपने डॉक्टर को दिखाने में देरी न करें, क्योंकि बढ़ती उम्र इन उपचारों की सफलता को प्रभावित करती है।

बांझपन का उपचार

कुछ उपचारों में शामिल हैं:

  • दवाएं – अण्डोत्सर्ग की समस्या वाली महिलाओं के लिए तरह-तरह की प्रजनन दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। जिस दवा का उपयोग करना है उसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करना जरुरी है। आपको दवा के लाभ और दुष्प्रभावों को समझना चाहिए। प्रजनन दवा के प्रकार और खुराक के आधार पर, जुड़वाँ या उससे ज़्यादा बच्चे होने की संभावना हो सकती है।
  • सर्जरी – सर्जरी किसी महिला के अंडाशय, गर्भनली, या गर्भाशय के घाव या चोट को ठीक करने के लिए की जाती है। कभी-कभी एक आदमी में बांझपन की ऐसी समस्या होती है जिसे सर्जरी से ठीक किया जा सकता है।
  • अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (Intrauterine insemination or IUI), जिसे कृत्रिम गर्भाधान भी कहा जाता है – इसमें पुरुष शुक्राणु को महिला के प्रजनन पथ के हिस्सों जैसे बच्चेदानी या गर्भनली के अंदर डाला जाता है। यह उपचार आमतौर पर अन्य दवाओं के साथ उपयोग किया जाता है जिनके कारण महिला में अण्डोत्सर्ग होता है।
  • सहायक प्रजनन तकनीक (Assisted reproductive technology or ART) – इस तकनीक में एक महिला के अंडाशय को उत्तेजित करना; उसके शरीर से अंडे निकालना; प्रयोगशाला में इन अंडों को शुक्राणु के साथ मिलाना; और भ्रूण को वापस महिला के शरीर में डालना शामिल होता है। इस तकनीक की सफलता का दर कई अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है।
  • तीसरी पार्टी की सहायता (Third party assistance) – इसमें कई विकल्प जैसे अंडा दान (किसी अन्य महिला के अंडे का उपयोग किया जाता है), शुक्राणु दान (किसी अन्य पुरुष के शुक्राणु का उपयोग किया जाता है), या किसी अन्य महिला द्वारा आपके लिए बच्चे को जन्म देना (surrogacy) शामिल होते हैं।

बांझपन का कारण ढूंढना प्रायः एक लंबी, मुश्किल और भावनात्मक प्रक्रिया होती है और इसके उपचार महंगे हो सकते हैं।

परामर्श और समर्थन समूह

अगर आपको गर्भवती होने में समस्याएं आ रही हैं, तो आप जानते हैं कि इससे कितना निराशाजनक महसूस हो सकता है। गर्भवती होने में सक्षम न हो पाना एक जोड़े के सबसे तनावपूर्ण अनुभवों में से एक हो सकता है। परामर्श और सहायता समूह दोनों आपको और आपके साथी को अपनी भावनाओं के बारे में बात करने और आपको ऐसी ही समस्याओं से गुज़र रहे अन्य जोड़ों से मिलने में मदद कर सकते हैं। उनके द्वारा आप सीखेंगे कि गुस्सा होना, दुखी होना, किसी पर दोष लगना, खुद को दोषी महसूस करना, और निराश होने जैसी सभी भावनाएं आम हैं। जोड़े बांझपन से हार नहीं मानते और इस प्रक्रिया के दौरान ज़्यादा नज़दीक और मजबूत हो जाते हैं। अपने डॉक्टर से प्रजनन शक्ति में रुचि रखने वाले परामर्शदाताओं या सलाहकारों के बारे में पूछें।

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