महिला के गर्भवती होने पर गर्भाशय या कोख वो स्थान है जहाँ बच्चा बड़ा होता है। गर्भाशय की समस्या का पहला संकेत माहवारी के बीच या सेक्स के बादरक्तस्रावहो सकता है। कारणों में हॉर्मोन, थाइराइड समस्याएं,फाइब्राइड, पॉलीप्स,कैंसर, संक्रमण, या गर्भावस्था हो सकते हैं।
उपचार कारण पर निर्भर करता है। कभी-कभी गर्भ निरोधक गोलियों से हार्मोनल असंतुलन का उपचार किया जाता है। यदि कारण थाइराइड की समस्या है तो इसके उपचार से रक्तस्राव रुक सकता है। यदि आपको कैंसर या हाइपरप्लेसिया है, जो गर्भाशय में सामान्य कोशिकाओं का अत्यधिक विकास होता है, तो आपको सर्जरी की जरुरत पड़ सकती है।
दो अन्य गर्भाशय संबंधी समस्याओं में, वे ऊतक होते हैं जो आमतौर पर गर्भाशय की परत बनाते हैं और अक्सर वहां बढ़ने लगते हैं जहाँ इन्हें नहीं होना चाहिए। एंडोमेट्रिओसिसमें यह गर्भाशय के बाहर बनते हैं। एडेनोमायोसिस में यह गर्भाशय की बाहरी दीवारों पर बढ़ते हैं। दर्द की दवा से आराम मिल सकता है। अन्य उपचारों में हॉर्मोन और सर्जरी शामिल हैं।